Umran Malik: India's Fastest Bowler

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दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं भारत के सबसे फास्ट बॉलर उमरान मलिक की कहानी कि कैसे उन्होंने अपने क्रिकेट का सफर तय किया । जम्मू कश्मीर के मुश्किल हालातों से लड़ते हुए एक फल बेचने वाले के लड़के ने जिस तरह अपने फास्ट बॉलिंग टैलेंट से भारत के इंटरनेशनल टीम में अपनी जगह बनाई है वो वाकई में हम सभी के लिए एक इंस्पिरेशन है। वैसे तो पूरी दुनिया में यह कहा जाता था कि भारत कभी भी फास्ट बॉलर्स प्रोड्यूस नहीं कर सकता लेकिन उमरान मलिक ने इन सभी स्टेटमेंट्स को झूठा साबित कर दिखाया और आज हम इसी उमरान की कहानी जानने वाले हैं जिससे कि सिर्फ जूते ना होने की वजह से एक बार अंडर- 19 टीम में भी सेलेक्ट नहीं किया गया था।

 दोस्तों 22 नवंबर 1999 के दिन जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में पैदा हुए उमरान मलिक को क्रिकेट का शौक तीन साल की ही उम्र से लग गया था । उनके पिता बताते हैं कि बचपन में उमरान पूरा दिन बैट-बॉल हाथ में लिए खेलता रहता था । अगर फैमिली बैग्राउंड की बात करें तो उमरान एक बेहद ही गरीब परिवार से आते हैं जहां घर में माता-पिता के अलावा उनकी दो बड़ी बहनें भी हैं । उनके पिता फल और सब्जी बेचने का काम करते थे जिससे कि उनका घर चलता था। क्रिकेट के शौक के चलते उमरान ने बहुत कम उम्र में ही यह तय कर लिया कि उन्हें फास्ट बॉलर बनना है । हालांकि परिवार के हालात ऐसे नहीं थे कि वो उन्हें किसी अच्छी क्रिकेट एकेडमी से ट्रेनिंग करवा पाते, लेकिन फिर भी उनसे जितना हो सका उन्होंने हर स्टेज पर उमरान को सपोर्ट किया अब भले ही उमरान को उनके शुरुआती सालों में खेलने के लिए कोई प्रॉपर पिच या मैदान नहीं मिल पाया लेकिन फिर भी क्रिकेट और कुछ कर दिखाने का जुनून उनके सर पर इस हद तक सवार था कि वो अपने घर के पास मौजूद छोटे और उबड़-खाबड़ मैदानों पर ही दिन रात प्रैक्टिस किया करते थे ।

दोस्तों उमरान जसप्रीत बुमराह की बॉलिंग से काफी ज्यादा प्रेरित थे और वह खुद भी उनकी तरह ही यॉर्कर किंग बनने का सपना देखते थे असल जिंदगी में जिस तरह जसप्रीत बुमराह प्रोफेशनल क्रिकेट में आने से पहले टेनिस बॉल से खेला करते थे ठीक वैसे ही उमरान ने भी टेनिस बॉल से ही क्रिकेट खेलना शुरू किया था और इसीलिए उन्हें बुमराह और अपने बीच में ये समानता नजर आती थी ।उमरान ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि एक टीनेजर होने की वजह से वह जम्मू में होने वाले टेनिस बॉल टूर्नामेंट में हिस्सा लेते थे और जोकि ये टूर्नामेंट नाइट में होते थे इसीलिए कई बार मैच खेलकर घर वापस आने में उन्हें काफी देर भी हो जाती थी, जिसके चलते अक्सर उन्हें अपने पिता से डांट भी खानी पड़ती थी ।असल में उमरान के पिता को इस बात का डर था कि कही क्रिकेट खेलने के चक्कर में उनका बेटा गलत लोगों की संगत में न पड़ जाए और वैसे भी जम्मू कश्मीर के हालातों को देखते हुए उनका ऐसा सोचना गलत भी नहीं था लेकिन उमरान को तो क्रिकेट के अलावा और किसी भी चीज़ से कोई मतलब नहीं था और यह बात उनके पिता को समझने में ज्यादा टाइम नहीं लगा ।

उमरान उन टूर्नामेंट में कमाल की बॉलिंग करते थे जहां पर कोई भी बैट्समैन उनकी सुपर फास्ट बॉलिंग का सामना नहीं कर पाता और इसी के चलते अपने लोकल एरिया में उनका काफी ज्यादा नाम हो गया था और उनकी इस जबरदस्त परफॉर्मेंस को देखकर टूर्नामेंट खेलने वाले सीनियर प्लेयर्स उन्हें सलाह देते थे कि उन्हें स्टेट लेवल पर खेलने के लिए ट्रायल्स देने के लिए जरूर जाना चाहिए लेकिन उमरान को लगता था कि वह अभी भी उस स्टेज पर खेलने के लिए तैयार नहीं है इसलिए वो ट्रायल देने वाली बात को हमेशा ही टालते रहते थे । मगर जब उनके कुछ दोस्त उन्हें ज्यादा फोर्स करने लगे तो फिर उमरान मलिक अंडर-19 का ट्रायल देने के लिए राजी हो गए लेकिन दोस्तों आपको यह जानकर काफी हैरानी होगी कि अपने इस पहले ट्रायल में वो बिना कोई बॉल डाले ही रिजेक्ट हो गए थे। दरअसल हुआ यह कि उस समय उमरान के पास क्रिकेट खेलने के लिए स्पाइक्स वाले शूज़ नहीं थे इसलिए उन्हें उस ट्रायल में पार्टिसिपेट ही नहीं करने दिया गया इसके बाद से उमरान ने जैसे तैसे पैसों का इंतजाम करके अपने लिए क्रिकेट शूज खरीदे और मौका मिलते ही दोबारा ट्रायल के लिए पहुँच गए । अब इस बार उमरान पूरी तरह से तैयार थे और ट्रायल के दौरान अपनी पहली ही बॉल पर उन्होंने उस बैट्समैन को आउट कर दिया जो कि किसी से भी आउट नहीं हो रहा था और उस ट्रायल में उमरान की बोलिंग स्पीड देखकर सभी सिलेक्टर्स काफी हैरान रह गए थे और इसी जबरदस्त परफॉर्मेंस की बदौलत वे 2020-2021 की सैयद मुश्ताक अली ट्राफी खेलने के लिए जम्मू कश्मीर टीम में सलेक्ट हो गए। 

यह सेलेक्शन होने के बाद से उनकी मुलाकात फार्मर इंडियन ऑलराउंडर इरफान पठान से हुई जो कि उस समय जम्मू कश्मीर क्रिकेट टीम के कोच हुआ करते थे । इरफान ने उमरान के इस टैलेंट को पहली नजर में ही पहचान लिया था, इसलिए उन्होंने तुरंत उनको निखारने का काम शुरू कर दिया ।इरफान ने उमरान के बॉलिंग एक्शन से लेकर उनके उनके लाइन लेन तक सभी चीजों में सुधार करके उनके टैलेंट को एक सही राह दिखाई ।इरफान के अलावा उमरान के दोस्त अब्दुल समद ने भी उन्हें काफी सपोर्ट किया और सीनियर होने के नाते उन्हें मेंटली स्ट्रॉन्ग बनाने में भी काफी हेल्प की ।

दोस्तों उमरान ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में अपना पहला मैच 18 जनवरी 2021 के दिन खेला और इस पहले ही मैच में तीन विकेट लगाकर उन्होंने अपने सेलेक्शन को सही साबित कर दिया। इसके बाद 27 फरवरी 2021 के दिन विजय हजारे ट्रॉफी में खेलते हुए उन्होंने अपना लिस्ट A में भी डेब्यू किया और लगातार अच्छे परफार्मेंस करने की वजह से 2021 के आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद टीम के लिए बतौर नेटबॉलर वे सेलेक्ट कर लिए गए ।

दोस्तों इसमें कोई शक नहीं है कि उमरान के मेहनत ने अब रंग दिखाना शुरू कर दिया था लेकिन उनके करियर में सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट आना अभी बाकी था दरअसल, हुआ यह कि आईपीएल 2021 के दूसरे फेज में SRH के स्टार बॉलर टी नटराजन को कोरोना हो गया और टीम को अचानक से उनके रिप्लेसमेंट की जरूरत आन पड़ी ऐसे में SRH मैनेजमेंट की नजर उमरान पर पड़ी जो कि बल्लेबाजों को नेट प्रैक्टिस करवा रहे थे ।टीम मैनेजमेंट ने देखा की नेट्स में डेविड वार्नर जैसे प्लेयर को भी उमरान की बॉलिंग फेस करने में दिक्कत हो रही थी और साथ ही जॉनी बेयरस्टो को तो प्रैक्टिस के दौरान उमरान से उनका पेस कम करने को भी कहना पड़ता था और यह सब देखकर SRH का मैनेजमेंट उमरान से काफी इंप्रेस हुए और उन्होंने टी नटराजन की जगह उमरान को टीम में खिलाने का फैसला कर लिया । दोस्तों इस तरह से अचानक IPL जैसी बड़ी लीग में खेलने का मौका मिलना उमरान और उनके परिवार दोनों के लिए ही किसी चमतकार से कम नहीं था उनके परिवार वालों को तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उनका बेटा इतने बड़े-बड़े प्लेयर्स के साथ में आइपीएल खेलने वाला है।

 उमरान ने अपना पहला आईपीएल मैच KKR के अगेंस्ट खेला जहां अपनी बॉलिंग स्पीड से उन्होंने सभी को काफी सरप्राइज़ किया लेकिन इसके बाद अपने दूसरे ही मैच में RCB के खिलाफ़ उन्होंने ऐसा कारनामा कर दिखाया जिससे कि उनका नाम क्रिकेट लवर्स के जेहन में हमेशा के लिए छप गया। उमरान मलिक एक ही ओवर में लगातार पांच बॉल 150 प्लस की स्पीड से डाली और दुनिया को यह दिखा दिया कि इंडियन बॉलर भी फास्ट बॉलिंग करना जानते हैं ।साथ ही इस मैच में 153 किलोमीटर की स्पीड से बॉल डालकर वे आईपीएल इतिहास की सबसे फास्ट इंडियन बॉलर भी बन गए। हालांकि उमरान 2021 के IPL सीज़न में सिर्फ तीन मैच ही खेल पाए लेकिन इन तीन मैचों में ही उन्होंने अपनी फास्ट बॉलिंग से सभी का दिल जीत लिया और उनकी इस परफॉर्मेंस का नतीजा यह हुआ कि 2021 के टी ट्वेंटी वर्ल्ड कप में उन्हें इंडियन टीम का नेट बॉलर सलेक्ट कर लिया गया और इतना ही नहीं अगले साल यानी कि 2022 के आईपीएल ऑक्शन में SRH ने चार करोड़ की बड़ी रकम में उन्हें रिटेन भी किया ।


दोस्तों उमरान का सपना था कि वो 155 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से बॉल डालें और 2022 के आईपीएल में वो अपने इस सपने को ऑलरेडी पूरा भी कर चुके हैं । दरअसल आईपीएल 2022 में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ़ खेलते हुए उन्होंने एक बॉल 157 की रफ्तार से डाली जिसके चलते अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए वे आईपीएल इतिहास के फास्टेस्ट इंडियन बॉलर बन गए। अब आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि उमरान की ये बॉल उस समय तक शॉन टैट 157.7 किलोमीटर प्रति घंटे के बाद से आईपीएल हिस्टरी के दूसरे सबसे तेज बॉल थी लेकिन आईपीएल के फाइनल में लॉकी फर्ग्यूसन की 157.3 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से बॉल फेंकने के बाद उमरान की बॉल आईपीएल हिस्टरी की तीसरी सबसे तेज़ बॉल बन गयी।

गुजरात टाइटंस के खिलाफ़ एक मैच में पांच विकेट लेकर उमरान ने यह भी दिखाया कि वे स्पीड से बॉल फेंकने के साथ ही विकेट गिराना भी जानते हैं ।इस साल के आईपीएल में उमराह ने अपनी बॉलिंग से सिर्फ फैन्स को ही नहीं बल्कि सेलेक्टर्स को भी बहुत इंप्रेस किया और इसका नतीजा यह हुआ कि साउथ अफ्रीका के खिलाफ़ जून में खेले जाने वाली T-20 सीरीज के लिए उन्हें भारत की इंटरनेशनल टीम में भी चुन लिया गया है यानी की ये बहुत ही जल्दी आप उमरान मलिक को ब्लू जर्सी पहने भारत के लिए भी बॉलिंग करते हुए देखने वाले है तो दोस्तों जम्मू कश्मीर में रहने वाले एक गरीब परिवार से निकलकर जिस तरह उमरान ने टीम इंडिया में अपनी जगह बनाई ये स्टोरी आने वाले समय में बहुत सारे इंडियन प्लेयर्स को इंस्पायर करने वाली है ।



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