Virat Kohli's Biography
अगर आपने विराट कोहली को खेलते हुए देखा है तो आपने नोटिस किया होगा कि विराट कोहली के बैट पर MRF की एक स्टीकर चिपकी हुई होती है आपको जानकर आश्चर्य होगा कि विराट कोहली सिर्फ उस स्टीकर को अपने बैट पर लगाने के बारह करोड़ सालाना चार्ज करते हैं लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ये सब रातोंरात हो गया? और इसका जवाब है बिल्कुल नहीं । इस मुकाम तक पहुंचने के लिए विराट ने अपनी लाइफ में एक बहुत लंबा सफर तय किया है जिसके बारे में आज हम जानेंगे।
दोस्तों विराट कोहली का जन्म 5 नवंबर 1988 को दिल्ली में एक पंजाबी हिंदू फैमली में हुआ था । विराट कोहली के पिता का नाम प्रेम कोहली है जो कि एक क्रिमिनल लॉयर थे , वहीं दूसरी तरफ उनकी माँ सरोज कोहली एक हाउस वाइफ रही । विराट की एक सिस्टर है, जिनका नाम भावना कोहली हैं और उनके एक भाई भी हैं जिनका नाम है विकास कोहली ।
विराट के परिवार वाले बताते हैं कि विराट ने तीन साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था स्थिति ऐसी होती थी कि विराट अपने हाथों में बल्ले को लेकर अपने पिता जी से कहते थे की आप मुझे बोलिंग कीजिए। कोहली ने वैसे तो अपनी स्कूलिंग विशाल भारती पब्लिक स्कूल से की थी, लेकिन क्रिकेट में विशेष दिलचस्पी होने की वजह से उनके पिता ने उन्हें अकैडमी ज्वॉइन करवा दी थी जहाँ पर राजकुमार शर्मा नाम के एक ट्रेनर के द्वारा उन्हें ट्रेनिंग मिली । कुछ बताते हैं कि विराट कोहली क्रिकेट को लेकर बहुत ज्यादा नेचुरल और पैशनेट थे और उनका क्रिकेट को लेकर ऐसा जज्बा था क्योंकि ट्रेनिंग खत्म होने के बाद उन्हें जबरदस्ती घर भेजना पड़ता था।
विराट कोहली ने अपने करियर की शुरुआत अक्टूबर 2002 में दिल्ली अंडर -15 टीम में सेलेक्शन से की ।उसके बाद साल 2004 के अंत तक कोहली को अंडर -17 दिल्ली क्रिकेट टीम का सदस्य बना दिया गया जब उनको विजय मर्चेंट ट्रॉफी ( Vijay Merchant Trophy )के लिए खेलना था ।इस चार मैचों की सीरीज में उन्होंने 470 से ज्यादा रन बनाए थे और उन्होंने एक मैच में 251 रन नाबाद बनाए थे । इसके बाद अगले साल की विजय मर्चेंट ट्रॉफी के लिए भी वो सुर्खियों में आ गए थे इस बार उन्होंने सात मैचों में 757 रन बनाकर सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम करा था। इस टूर्नामेंट में विराट कोहली ने 84 के एवरेज से रन बनाए थे जिसमें दो सेंचुरी भी शामिल थी। जुलाई 2006 में विराट कोहली को भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम में चुन लिया गया और उनका पहला विदेशी टूर इंग्लैंड में खेला गया । इंग्लैंड टूर में उन्होंने तीन एकदिवसीय मैचों में 105 रन बनाए थे , इसी टूर के तीन टेस्ट मैचों में भी उन्होंने 49 के औसत से रन बनाए थे और भारत उस वर्ष दोनों सीरीज जीतकर लौटा था ।
18 दिसंबर 2006 ये तारीख विराट कोहली के जीवन के सबसे दुखद दिनों में से एक है क्योंकि इस दिन उनके पिता प्रेम कोहली ने दुनिया को हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह दिया ।विराट अपने पिता के चले जाने से काफी दुखी थे और इसी वजह से कुछ समय तक उनके मैंटल स्टेट पर भी काफी प्रभाव पड़ा । फिर इसी साल बाद में विराट ने अंडर-19 क्रिकेट टीम में पाकिस्तान के खिलाफ़ बेहतरीन प्रदर्शन किया इसके बाद उनके टैलेंट को देखते हुए अंडर-19 क्रिकेट टीम में विराट को एक स्थायी खिलाड़ी के रूप में रख लिया गया और इतना ही नहीं बल्कि साल 2008 में मलेशिया में होने वाले अंडर-19 वर्ल्ड कप की कप्तानी भी कोहली के द्वारा ही की जा रही थी । इसी टूर्नामेंट में भारत ने वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था इसी साल यानी कि 2008 में होने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के श्रीलंका दौरे के लिए कोहली को इंटरनेशनल टीम में सलेक्ट कर लिया गया और आपको जानकर आश्चर्य होगा कि श्रीलंका के खिलाफ़ होने वाले इस मैच में कोहली ने वीरेंद्र सहवाग की जगह पर ओपनिंग बल्लेबाजी की थी अब यहाँ आपके मन में सवाल आया होगा कि आखिर ऐसा क्यों हुआ था कि उस वक्त वीरेंद्र सहवाग के स्थान पर विराट कोहली को ओपनिंग करने का मौका मिला था ?बता दें कि कुछ ऐसी स्थिति थी कि उस मैच के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के दोनों ओपनर्स सचिन तेन्दुलकर और वीरेंद्र सहवाग घायल थे लेकिन इतना बड़ा अवसर मिलने पर भी विराट कोहली इस मैच में सिर्फ बारह रन ही स्कोर कर पाए लेकिन फिर इसी सीरीज के चौथे मैच में विराट ने अर्धशतक बनाकर दुनिया को यह बता दिया की ये तो बस शुरुआत थी फिर इत्तेफाक से इंडिया की उस टीम ने श्रीलंका में ही श्रीलंका के खिलाफ़ खेलकर 32 से सीरीज भी अपने नाम कर ली थी। अब क्योंकि विराट कोहली को सहवाग की जगह पर खेलने का मौका मिला था इसलिए जब नवंबर 2008 में इंग्लैंड के खिलाफ़ मैच होने वाला था तब उन्हें स्क्वॉड में शामिल तो किया गया लेकिन उनको चांस नहीं मिला क्योंकि उस वक्त इंडियन टीम में वीरेंद्र सहवाग की वापसी हो गई थी फिर उसके बाद साल 2009 में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित किए गए एमर्जिंग प्लेयर्स टूर्नामेंट ( Emerging Players Tournament ) की वजह से विराट कोहली के करियर को एक नई उंचाई मिल गई क्योंकि इस टूर्नामेंट के सात मैचों में 66 के औसत से विराट ने पूरे 398 रन बनाए ।
विराट के जबरदस्त प्रदर्शन से प्रभावित होकर इंडियन नेशनल क्रिकेट सेलेक्टर कमिटी के उस वक्त के चेयरमैन कृष्णमचारी श्रीकांत ने कहा था कि " I must say , opener Virat Kohli was outstanding, some of the shots he played spoke about his ability "और इसका परिणाम ये हुआ कि साल 2009 में होने वाले आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में विराट कोहली को युवराज सिंह की जगह पर चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने का मौका मिला क्योंकि उस दौरान युवराज सिंह भी इंजरी का शिकार हो गए थे और उसके बाद से लगातार विराट कोहली को भारत की तरफ से खेले जाने वाले एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में मौका दिया जाने लगा । खैर, इस क्रम में कभी कभी उन्हें बड़ी निराशा का भी सामना करना पड़ता था शायद आपको याद होगा कि जून 2010 में होने वाले श्रीलंका , जिंबाब्वे और इंडिया के बीच खेली गई ट्राई नेशन सीरीज में इंडिया की स्थिति सबसे बेकार रही थी और विराट कोहली के लिए तो यह और भी ज्यादा निराशाजनक था क्योंकि विराट को इस सीरीज के लिए टीम का वाइस कैप्टन बनाया गया था लेकिन वो कहते है ना कि हार कर जीतने वाले को ही बाजीगर कहते हैं और मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि कोहली ने इसी सीरीज में इंडिया की तरफ से ODI में सबसे तेज हज़ार रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम करा था ।
इसी साल 12 जून 2010 को कोहली ने जिंबाब्वे के खिलाफ़ अपने T20 अंतरराष्ट्रीय करियर की भीं शुरुआत करी थी। ठीक उसके एक साल बाद यानी की 2011 में विराट ने अपना टेस्ट डेब्यू भी किया 2011 में ही इंडिया ने जब वर्ल्ड कप जीता था तो वर्ल्ड कप विनिंग स्क्वॉड का भी विराट कोहली हिस्सा रहे थे और उसके बाद तो मानो विराट कोहली टीम इंडिया की जरूरत बन गए और तब से लेकर आज तक विराट कोहली भारतीय क्रिकेट टीम के अहम सदस्य रहे हैं और मुझे नहीं लगता कि भारतीय टीम में अभी भी ऐसा कोई भी खिलाड़ी हैं जो विराट कोहली का स्थान ले सकता है ।आज भी आप भारतीय क्रिकेट टीम की कल्पना विराट कोहली के बिना नहीं कर सकते हैं और उनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि विराट अपनी गेम को लेकर बहुत पैशनेट है ।यही पर वेस्ट इंडीज के पूर्व कप्तान विवियन रिचर्ड्स ( Vivian Richards ) विराट कोहली के बारे में कहते हैं
" I Love Watching Virat Kohli bat .he looks to me like an individual of my own heart. I love his aggression and serious Passion that I used to have. He reminds me of Myself "
विराट कोहली ने इन्हीं सालों में अपने लाइफ स्टाइल में भी एक बहुत बड़ा बदलाव करा उन्होंने पूरी तरह से एथलीट वाले लाइफ स्टाइल को अपना लिया, जहाँ पर वो रेगुलरली एक्साइज करते हैं और अपनी डाइट का बहुत ज्यादा खयाल भी रखते हैं। विराट कोहली बताते हैं कि यूं तो इसके पहले भी उनकी फील्ड पर परफॉर्मेंस अच्छी थी, लेकिन जब से उन्होंने अपनी डाइट और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग पर ध्यान देना शुरू किया है तब से उनका गेम बहुत ज्यादा इंप्रूव्ड हुआ है इतना ही नहीं बल्कि अपनी इसी लाइफ स्टाइल से कोहली ने कई और टीम मेट्स को भी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और डाइट पर ध्यान देने के लिए प्रेरित किया है।
दोस्तों विराट के बारे में एक खास बात यह है कि विराट कोहली एक अच्छे बल्लेबाज होने के साथ-साथ एक अच्छे लीडर भी हैं और उनके लीडरशिप का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि साल 2008 में इंडिया ने जो ट्रॉफी अपने नाम कर ली थी उस इंडियन टीम की कैप्टेंसी विराट कोहली कर रहे थे और उनकी इसी क्वालिटी की वजह से उन्हें कई अलग-अलग सीरीज में वाइस कैप्टन के रूप में जिम्मेदारी भी दी गई लेकिन साल 2014 में फाइनली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ होने वाली सीरीज में विराट कोहली को टेस्ट क्रिकेट की कप्तानी का जिम्मा दिया गया क्योंकि उस वक्त धोनी घायल होने की स्थिति में थे और कोहली ने पहले ही मैच में 115 रन की जबरदस्त पारी खेली फिर उसके अगले मैच में महेंद्र सिंह धोनी की टीम में वापसी हो गई लेकिन महेंद्र सिंह धोनी ने इस सीरीज के तीसरे मुकाबले में टेस्ट क्रिकेट के अपने करियर से रिटायरमेंट ले ली । उसके बाद से विराट कोहली को इंडियन टेस्ट टीम का रेगुलर कैप्टन बना दिया गया और इस बात में कोई शक नहीं है कि कप्तान के रूप में उन्होंने अभी तक बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है टेस्ट क्रिकेट की कैप्टनसी तो बस उनके लिए शुरुआत भर थी उसके बाद विराट को साल 2017 में होने वाले आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट ( Champions Trophy Tournament ) में कप्तानी करने का मौका मिला जिसमें भारतीय टीम फाइनल तक पहुंची मगर फाइनल में उन्हें हार का सामना करना पड़ा ।
इसी साल व्यक्तिगत जिंदगी से समय निकालते हुए विराट ने 11 दिसंबर 2017 को जर्मनी देश के बोर्गो फिनोशीटो है भारतीय एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा के साथ शादी की और फिलहाल तो इनकी एक बेटी भी है जिनका नाम है वामिका कोहली।
विराट के सबसे इंट्रेस्टिंग रिकॉर्ड की बात करें तो वो रहेगा मोस्ट सेंचुरीज इन ऑल फॉर्मेट्स ( Most Centuries in All Formats )अभी 100 सेंचुरीज के साथ सचिन तेन्दुलकर इस रिकॉर्ड की लिस्ट में सबसे ऊपर है और इस लिस्ट में 70 सेंचुरी के साथ विराट कोहली तीसरे स्थान पर है।
विराट कोहली लगातार इंडियन क्रिकेट टीम को एक लीडर के तौर पर आगे लेकर जा रहे हैं, लेकिन कैप्टेंसी का दबाव होने की वजह से विराट ने हाल ही में ये निर्णय लिया है कि साल 2021 में होने वाले T20 वर्ल्ड कप के बाद विराट कोहली T20 इंटरनेशनल क्रिकेट कैप्टेंसी का जिम्मा किसी और को सौंप देंगे ।अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अलावा विराट कोहली आईपीएल की भी सबसे प्रभावशाली खिलाड़ियों में से एक है भले ही कैप्टन के रूप में विराट के प्रदर्शन ने उनके फैन्स को थोड़ा नाराज किया है लेकिन निश्चित ही उनके व्यक्तिगत प्रदर्शन ने आईपीएल पर एक गहरी छाप छोड़ी है अभी फिलहाल विराट कोहली आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की तरफ से खेलते हैं और वैसे तो विराट कोहली साल 2013 से RCB के लिए कप्तानी कर रहे हैं, लेकिन अगले सीज़न से विराट कोहली RCB की कप्तानी भी छोड़ देंगे ।
विराट के करियर स्ट्रेटिक्स की तरफ नजर डालें तो विराट ने अपने 96 टेस्ट मैच में 51 के एवरेज के साथ 7765 रन बनाए हैं जिसमें कि 27 सेंचुरीज और 7 डबल सेंचुरीज भी शामिल हैं विराट का टेस्ट में हाई स्कोर रहा है 254 का वहीं उन्होंने अपने 254 ओडीआई मैच में 12169 रन बनाए हैं जिसमें 62 हाफ सेंचुरीज और 43 सेंचुरीज शामिल हैं। ओडीआई में उनका औसत रहा है 59 का जोकि विराट कोहली के कंसिस्टेंट बैटिंग स्टाइल को स्पष्ट करता है और सबसे महत्वपूर्ण उनके T20 स्टार्स क्योंकि अभी वो T20 वर्ल्ड कप का ही हिस्सा है वो अब तक 89 इंटरनेशनल T20 मैच खेल चुके हैं जिसमें की 52 के ऐवरेज के साथ उन्होंने 3159 रन बनाए हैं जहाँ उनका स्ट्राइक रेट 139 का रहा है ।
दोस्तों विराट कोहली के क्रिकेट करियर का भविष्य कैसा होगा ये तो किसी को नहीं पता लेकिन अभी तक के प्रदर्शन को देखते हुए हम ये कह सकते हैं कि विराट कोहली को अभी भी सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ने है और कई सारे नए रिकॉर्ड बनाने है।
चीकू ,रन मशीन और किंग ऑफ क्रिकेट के नाम से प्रसिद्ध विराट कोहली ना सिर्फ क्रिकेट में बल्कि बिज़नेस में भी बहुत एक्स्पर्ट हैं। विराट कोहली बताते हैं कि क्रिकेट के अलावा उनका दूसरा सबसे फेवरिट स्पोर्ट फुटबॉल है और शायद इसीलिए वो फुटबॉल क्लब गोवा नाम के एक फुटबॉल क्लब के को-ओनर है , इसके अलावा वो दुबई बेस्ड टेनिस टीम यूएई रॉयल्स के भी को-ओनर है और इतना ही नहीं बल्कि विराट तो प्रो रेसलिंग में खेल रही बैंगलोर की टीम के भी को-ओनर है ।इन कम्पनियों के अलावा विराट कोहली कई बड़ी कंपनी के ब्रैंड एंबेसडर भी हैं ।
साल 2013 में विराट कोहली ने एक फाउंडेशन शुरू कर दी थी जिसे नाम दिया गया था विराट कोहली फाउंडेशन ( Virat Kohli foundation) ये बेघर बच्चों और परिवारों के लिए काम करती है ।
वैसे तो एक क्रिकेटर के तौर पर विराट को काफी सारे अवॉर्ड मिले होंगे लेकिन उनमें प्रमुख किताबों में शामिल है अर्जुन अवॉर्ड जोकि विराट को 2013 में दिया गया। था इसके अलावा साल 2017 में दिया गया पद्मश्री और 2018 में दिया गया मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवार्ड ।
इस तरह से हमने विराट कोहली के बारे में जाना कि कैसे उन्होने अपने क्रिकेट करियर की शुरूआत की और आज विराट कोहली को भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व जानता है।
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